जानकारी के अनुसार सरकार द्वारा 10 वर्ष में नया वेतन आयोग लागू किया जाता है। वर्तमान समय में अभी सातवां वेतन आयोग चल रहा है, जिसे 2016 में शुरू किया गया था। यही वजह है कि एक बार फिर से सरकारी कर्मचारियों द्वारा आठवां वेतन आयोग लागू किए जाने की मांग बढ़ती जा रही है।
जैसा कि हमने बताया सरकार द्वारा 10 साल में नया वेतन आयोग लागू किया जाता है, इसके मुताबिक 2026 में 10 साल पूरे हो जाएंगे। यही कारण है कि 2024 से ही सरकारी कर्मचारी आठवां वेतन आयोग को लागू करने की सिफारिश करना शुरू कर दिए हैं। लेकिन अभी केंद्र सरकार द्वारा आठवां वेतन आयोग को लेकर कोई प्रतिक्रिया दिखाई नहीं दे रही है।
यही वजह है सरकारी कर्मचारी आठवां वेतन आयोग को लेकर बहुत ही बेचैन है, कि आखिर 8th Pay Commission कब शुरू होगा। इसके लागू होने से कर्मचारियों की सैलरी कितनी बढ़ने की संभावना है। आज के आर्टिकल में आपको इन सभी सवालों का जवाब मिलने वाला है। इसलिए पूरी जानकारी विस्तार से पढ़ें।
8वां वेतन आयोग क्या हैं?
दोस्तों सबसे पहले 1946 में श्रीनिवास वरादाचरियर की अध्यक्षता में पहले वेतन आयोग का गठन किया गया था। हर 10 साल के अंतराल पर सरकारी कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि करने के लिए वेतन आयोग का गठन किया जाता है। आगे हम 1 से लेकर 8वें वेतन आयोग के बारे में जानेंगे, ताकि आप अच्छे से वेतन आयोग के बारे में समझ सकें।
प्रथम वेतन आयोग : प्रथम वेतन आयोग का गठन 1946 में किया गया था, इसमें तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों का मूल वेतन ₹60 तथा चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का मूल वेतन ₹30 निर्धारित किया गया था। इसके अलावा प्रथम वेतन आयोग ने सरकारी केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम मजदूरी ₹55 निर्धारित किया था।
दूसरा वेतन आयोग : दूसरा वेतन आयोग का गठन आजादी के 10 बाद 1957 में स्थापित किया गया। इस वेतन आयोग ने सरकारी कर्मचारियों का वेतन निर्धारण करने के लिए अलग मापदंड बनाए। वेतन संरचना और सरकारी कर्मचारियों की कामकाजी परिस्थितियां तैयार करने के आधार पर वेतन बढ़ाया गया था।
तीसरा वेतन आयोग : तीसरा वेतन आयोग का गठन 1970 में हुआ था, जिसने अपना रिपोर्ट 1973 में पेश की थी। इसमें वेतन ढांचे को ठीक करने के लिए वेतन आयोग द्वारा तीन महत्वपूर्ण बिंदु जोड़ा गया था- सबका समावेश, समान आय, आय की पर्याप्तता। इसमें वेतन आयोग द्वारा सरकार से यह कहा गया कि सरकार यह सुनिश्चित करें सरकारी कर्मचारियों को इतनी पर्याप्त तथा आकर्षक सैलरी दिया जाएं ताकि लोग काम करने के लिए प्रेरित हों।
चौथा वेतन आयोग : चौथा वेतन आयोग का गठन 1983 में किया गया था, जिसकी रिपोर्ट 4 साल बाद आई थी। इस वेतन आयोग द्वारा देश में पहली बार सशस्त्र बलों के अधिकारियों के लिए रैंक वेतन की अवधारणा को लागू किया गया था। लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट द्वारा रैंक वेतन को अवैध घोषित कर दिया गया था।
पांचवां वेतन आयोग : पांचवें वेतन आयोग का गठन 1994 में किया गया था। इसमें कर्मचारियों की सैलरी 31% बढ़ाने की बात कही गई थी। तथा सरकारी कर्मचारियों की संख्या 30% घटाने की बात कहा गया था। इसके अलावा 350000 रिक्त पदों पर भर्ती न करने की बात कही गई थी। जिसके कारण विश्व बैंक ने भी पांचवें वेतन आयोग की निंदा की थी।
छठा वेतन आयोग : छठा वेतन आयोग का गठन 2006 में किया गया था, जिसका रिपोर्ट 18 महीने बाद आया। इस वेतन आयोग के लागू होने से १ क्लास की नौकरी करने वाले अधिकारियों का वेतन भी बहुत कम था, जैसे – 25 साल का अनुभव रखने वाले IAS अधिकारी का वेतन मात्र 55000 महीना था।
सातवां वेतन आयोग : सातवां वेतन आयोग का गठन 2016 में किया गया था, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मंजूरी मिलने के बाद न्यायमूर्ति A. K. माथुर की अध्यक्षता में किया गया था। इस कमीशन रिपोर्ट के आधार पर एक करोड़ सरकारी कर्मचारी और पेंशनधारियों के लिए वेतन भत्ते और पेंशन में 23.55% वृद्धि की बात कही गई थी। उस समय सरकारी कर्मचारी का न्यूनतम वेतन ₹7000 था, जिसे आयोग द्वारा न्यूनतम वेतन 18000 को प्रतिमाह किया गया।
इसके अलावा अधिकतम वेतन 225000 रुपए प्रतिमाह तथा कैबिनेट सचिव और अन्य के लिए 250000 रू प्रति माह वेतन निर्धारित किया गया था, जो कि छठवीं वेतन आयोग द्वारा 90000 रुपए निर्धारित किया गया था।
आठवां वेतन आयोग : आठवीं वेतन आयोग का गठन 2026 में होने की संभावना है। इसमें भी आयोग द्वारा केंद्रीय कर्मचारी के लिए वेतन, भत्ते और पेंशन लाभ पर ध्यान दिए जाने की संभावना है। सरकारी कर्मचारियों में यह उम्मीद है कि 8वें वेतन आयोग में उनकी सैलरी बढ़ने वाली है। हालांकि यह तय है सैलरी जरुर बढ़ेगी। मगर कितना बढ़ेगी यह वेतन आयोग 2026 लागू होने पर ही पता चलेगा।
8वें वेतन आयोग में कितना बढ़ सकता है सैलरी
आठवां वेतन आयोग लागू होने के बाद देश के तकरीबन 1 करोड़ से अधिक सरकारी कर्मचारियों को फायदा पहुंचेगा। जानकारी रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान समय में 49 लाख सरकारी कर्मचारी कार्यरत हैं, जबकि 68 लाख रिटायर कर्मचारी पेंशनधारी है। आठवीं वेतन आयोग में पिछली बार की तरह फिटमेंट फैक्टर का अहम रोल होगा।
आप इस प्रकार से फिटमेंट फैक्टर को समझ सकते हैं, पिछली बार सातवां वेतन आयोग लागू होने के बाद फिटमेंट फैक्टर 2.57 गुना बढ़ गया था। जिसके कारण सरकारी कर्मचारी की सैलरी में वृद्धि हुई थी। फिटमेंट फैक्टर के कारण न्यूनतम सैलरी में 14.9% का इजाफा हुआ था, जिसके कारण सरकारी कर्मचारी की न्यूनतम सैलरी 18000 रुपए तक पहुंच गई थी।
उसी प्रकार से अगर इस बार भी आठवां वेतन आयोग लागू होने के बाद फिटमेंट फैक्टर 3.68 गुना भी बढ़ जाता है। तो सरकारी कर्मचारियों की सैलरी ₹8000 बढ़ जाने की संभावना है। लेकिन सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में क्या-क्या बदलाव देखने को मिलेंगे यह आठवां वेतन आयोग लागू होने के बाद पता चलेगा।
आठवां वेतन आयोग में क्या-क्या बदलने की संभावना है?
आठवां वेतन आयोग लागू होने पर कुछ चीजों में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा। केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी तथा भत्ता में वृद्धि देखने को मिलेगा। जो कर्मचारी रिटायर हो गए हैं, उन्हें भी पेंशन बढ़ाकर दिया जाएगा। यानि कुल मिलाकर 8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद सरकार कर्मचारी तथा रिटायर कर्मचारी का फायदा ही फायदा होगा।
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