Kedarnath Dham Jane Ka Rasta : दोस्तों जैसा कि आप जानते हैं भगवान शिव के चार धामों में केदारनाथ धाम एक धाम है। केदार धाम में भगवान शिव के पवित्र मंदिर स्थित है। केदार धाम पर पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को पार्वती मार्ग से गुजरना पड़ता है। आज के आर्टिकल में हम आपको यही बताने वाले हैं कि केदार धाम जाने का रास्ता क्या है।
अगर आप भी भगवान शिव का दर्शन करने केदारनाथ जाना चाहते हैं, तो इस आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पूरा पढ़िएगा। इस आर्टिकल को पढ़कर आप बस द्वारा, ट्रेन द्वारा, हवाई जहाज द्वारा केदारनाथ धाम का दर्शन करने जा सकते हैं।
केदारनाथ धाम मंदिर कहां स्थित है?
केदारनाथ मंदिर हिंदु का तीर्थ स्थल है, जिसका निर्माण 8वीं शताब्दी में किया गया था। केदारनाथ मंदिर का कई बार नवीनीकरण किया गया है। 16 वीं शताब्दी में शंकराचार्य जी के द्वारा नवीनीकरण किया गया, इसके अलावा शिवलिंग को फिर से स्थापित किया गया था।
केदारनाथ मंदिर भारत के उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। केदारनाथ मंदिर की शैली कत्यूरी शैली है, इसके निर्माता पाण्डव वंश के जनमेजय हैं।
Kedarnath Dham Jane Ka Rasta
अगर आप केदारनाथ धाम दर्शन करना जाना चाहते थे, तो आपको सबसे पहले देहरादून ऋषिकेश या हरिद्वार पहुंचना होगा। आप फ्लाइट, ट्रेन, बस अथवा किसी भी परिवहन से यहां तक पहुंच सकते हैं। अगर आप हवाई जहाज से यात्रा करते हैं तो आपको देहरादून में स्थित जालीग्रांट एयरपोर्ट पर उतरना होगा। और अगर आप ट्रेन के द्वारा केदारनाथ धाम जाना चाहते हैं, तो आपको नजदीकी स्टेशन ऋषिकेश पर उतरना होगा।
अगर आप भगवान शिव जी का दर्शन करने केदारनाथ धाम जाना चाहते हैं, तो बस द्वारा, ट्रेन द्वारा, हवाई जहाज द्वारा तथा पैदल यात्रा करके जा सकते हैं। यहां पर आपको ध्यान देना चाहिए अगर आप दो पहिया गाड़ी, बस अथवा कार से जाते है तो आप केवल सोनप्रयाग तक जा सकते है। इसके आगे का यात्रा आपको पैदल करनी पड़ती है।
हां अगर आप पैदल नहीं जाना चाहते हैं, तो यहां से आपको घोड़े खच्चर और कंडी की व्यवस्था मिल जाती है। जिसकी मदद से आप मंदिर के धाम तक पहुंच सकते हैं। अगर आप ऋषिकेश से केदारनाथ धाम की यात्रा बस अथवा कार से करते हैं, तो मंदिर तक पहुंचने में कितने स्टेशन आता है और कितनी दूरी है, पूरा विवरण यहां नीचे दिया गया है।
ऋषिकेश से देवप्रयाग की दूरी | 71 Km |
देवप्रयाग से श्रीनगर की दूरी | 35 Km |
श्रीनगर से रुद्रप्रयाग की दूरी | 32 Km |
रुद्रप्रयाग से गुप्त काशी की दूरी | 45 Km |
गुप्तकाशी से सोनप्रयाग की दूरी | 31 Km |
सोनप्रयाग से गौरीकुंड की दूरी | 5 Km |
गौरीकुंड से केदारनाथ की दूरी | 16 Km |
ट्रेन द्वारा केदारनाथ जाने का रास्ता
अगर आप ट्रेन के माध्यम से केदारनाथ मंदिर धाम का दर्शन करने जाने के लिए सोच रहे हैं, तो आप अपने क्षेत्र के नजदीकी रेलवे स्टेशन से गाड़ी पकड़ सकते हैं। आपको केदारनाथ मंदिर के नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश पर उतरना होगा। ऋषिकेश रेलवे स्टेशन के बाद आप आगे का सफर बस, टैक्सी अथवा कैब बुक करके कर सकते है।
बस द्वारा केदारनाथ कैसे पहुंचे?
दूर-दूर राज्यों से आने वाले लोग ज्यादातर ट्रेन और हवाई जहाज के माध्यम से केदारनाथ दर्शन करने जाते हैं। लेकिन जो नजदीकी क्षेत्रों के लोग हैं, वे अधिकांश करके बस और ट्रेन से केदारनाथ मंदिर धाम का दर्शन करने जाते हैं। बस से केदारनाथ जाने का रास्ता इस प्रकार है- ऋषिकेश से देवप्रयाग, देवप्रयाग से श्रीनगर, श्रीनगर से रुद्रप्रयाग, रुद्रप्रयाग से गुप्त काशी, गुप्तकाशी से सोनप्रयाग, सोनप्रयाग से गौरीकुंड, गौरीकुंड से केदारनाथ धाम पहुंचे।
हवाई जहाज द्वारा केदारनाथ कैसे पहुंचे?
अगर आप हवाई जहाज के माध्यम से केदारनाथ धाम का दर्शन करने जाना चाहते हैं, तो आपको यह जान लेना चाहिए कि सीधे केदारनाथ धाम तक कोई भी फ्लाइट नहीं जाती है। हालांकि आप अपने नजदीकी हवाई अड्डा से केदारनाथ धाम के नजदीकी हवाई अड्डा जालीग्रांट एयरपोर्ट देहरादून तक यात्रा कर सकते हैं। देहरादून पहुंचने के बाद केदारनाथ धाम के लिए बस, टैक्सी आदि के माध्यम से जा सकते हैं।
दोस्तों वर्तमान समय में यहां पर हेलीकॉप्टर की व्यवस्था भी हो गई है, आप सीधे हेलीकॉप्टर के द्वारा केदारनाथ मंदिर पहुंच सकते हैं। देहरादून से सीधे केदारनाथ मंदिर हेलीकॉप्टर से जा सकते है।
इसके अलावा सीतापुर हेलीपैड जो की गुप्तकाशी से लगभग 26 किलोमीटर आगे है, यहां से ऑनलाइन या ऑफलाइन हवाई जहाज की टिकट बुक करवा सकते हैं। यहां से केदारनाथ मंदिर पहुंचने में लगभग 5 से 7 मिनट का समय लगता है।
इसके अलावा पवन हंस दैनिक आधार पर केदारनाथ मंदिर जाने के लिए 12 हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की गई है। 12 हेलीकॉप्टर उड़ान में से 9 हेलीकॉप्टर उसी दिन वापस लौट आती है। जबकि 3 हेलीकॉप्टर दूसरे दिन आती है। केदारनाथ मंदिर जाने के लिए यहां से हेलीकॉप्टर की पहली सुबह की उड़ान 6:50 बजे होकर 7:00 बजे पहुंचा देती है।
ऋषिकेश से केदारनाथ जाने का रास्ता
ऋषिकेश रेलवे स्टेशन केदारनाथ धाम का सबसे नजदीकी निकटतम रेलवे स्टेशन है। इसके आगे ट्रेन की सुविधा नहीं होती है। ऋषिकेश से केदारनाथ मंदिर की दूरी 229 किलोमीटर है, जिसमें गौरीकुंड से केदारनाथ पहुंचने के लिए 18 किलोमीटर का पैदल यात्रा भी शामिल है।
हालांकि आप चाहे तो फाटा या सेरसी से केदारनाथ धाम के लिए हेलीकॉप्टर टिकट बुक कर सकते हैं। ऋषिकेश से केदारनाथ जाने के लिए बस या कार द्वारा निम्न रूट को फॉलो करें – ऋषिकेश > ब्याही > तीन धारा > देव प्रयाग > मलेथा > श्री नगर > धारा देवी > रुद्रप्रयाग > तिलवाड़ा > अगस्त्य मुनि > चंद्रपुरी > भीरी > फाटा > रामपुर > गुप्तकाशी > सोनप्रयाग > गौरीकुंड > केदारनाथ
हरिद्वार से केदारनाथ जाने का रास्ता
सबसे पहले आपको यह जान लेना चाहिए कि हरिद्वार से फ्लाइट या ट्रेन की कोई सुविधा नहीं है केदारनाथ जाने की। हरिद्वार से आपको बस या टैक्सी मिल जाती है, जिसके द्वारा आप आसानी से केदारनाथ धाम पहुंच सकते हैं। हरिद्वार से केदारनाथ की कुल दूरी लगभग 247 किलोमीटर है, जिनमें से गौरीकुंड से केदारनाथ तक 18 किलोमीटर का पैदल रास्ता भी शामिल है।
इसलिए अगर आप हरिद्वार से बस अथवा टैक्सी द्वारा केदारनाथ जाना चाहते हैं तो निम्न रास्ता को फॉलो करें- हरिद्वार > ऋषिकेश > ब्याही > तीन धारा > देव प्रयाग > मलेथा > श्री नगर > धारा देवी > रुद्रप्रयाग > तिलवाड़ा > अगस्त्य मुनि > चंद्रपुरी > भीरी > फाटा > रामपुर > गुप्तकाशी > सोनप्रयाग > गौरीकुंड > केदारनाथ
गौरीकुंड से केदारनाथ जाने का रास्ता
गौरीकुंड से केदारनाथ की दूरी लगभग 18 किलोमीटर है। यहां से आपको बस ट्रेन अथवा टैक्सी कुछ भी नही मिलता है। गौरीकुंड से केदारनाथ की दूरी पैदल ही करनी पड़ती है। हालांकि वर्तमान समय में यहां पर खच्चर की सवारी उपलब्ध है, जिस पर बैठकर केदारनाथ मंदिर धाम तक पहुंच सकते हैं।
केदारनाथ धाम मंदिर खुलने का समय
केदारनाथ मंदिर काफी ऊंचाई पर बसा हुआ है, जिसके कारण यहां अधिक बर्फबारी होती है। इसलिए केदारनाथ मंदिर पूरे साल में 6 महीने के लिए बंद और 6 महीने के लिए खुला होता है। केदारनाथ धाम मंदिर का खुलने का समय 25 अप्रैल से तथा बंद होने की तिथि 14 नवंबर तक होती है।
केदारनाथ की पूजा करने का क्रम
अगर आप केदारनाथ मंदिर दर्शन करना जाना चाहते हैं, तो आपको पूजा करने का क्रम पता होना चाहिए। जो इस प्रकार है-
सुबह में कालिक पूजा >> महा अभिषेक पूजा >> अभिषेक >> लघु रुद्रा अभिषेक >> षोडशोपचार पूजन >> अष्टोपचार पूजन >> सम्पूर्ण आरती >> पाण्डव पूजा >> गणेश पूजा >> श्री भैरव पूजा >> पार्वती जी की पूजा >> शिव सहस्त्रनाम
केदारनाथ धाम कब जाना चाहिए?
अगर आप केदारनाथ मंदिर का दर्शन अच्छे से करना चाहते हैं तो आपको अप्रैल मई या जून के महीने में जाना चाहिए। क्योंकि इस मौसम में वहां का मौसम बहुत अच्छा होता है मंदिर की ऊंचाई अधिक होने के कारण मौसम काफी ठंडा होता है।
केदारनाथ मंदिर की ऊंचाई ज्यादा होने के कारण यहां अधिकांश समय बर्फ जमा होता है, इसलिए मई जून के मौसम में यानी गर्मी के मौसम में जाना सबसे अच्छा होता है।
इसके अलावा केदारनाथ मंदिर जाने का सही मौसम सितंबर का होता है, क्योंकि सितंबर में हल्की बारिश होती है और ज्यादा भीड़भाड़ नहीं होती है। आप हल्की-हल्की बारिश में केदारनाथ मंदिर में सभी जगह आराम से घूम सकते हैं।
अगर आप केदारनाथ मंदिर में दर्शन के साथ बर्फ का मजा लेना चाहते हैं, तो आपको अक्टूबर महीना में जाना चाहिए। क्योंकि इस महीने में मंदिर के कपाट बंद होते हैं, क्योंकि ज्यादा बर्फ गिरी होती है। और आप अपनी फैमिली दोस्ती के साथ मजा कर सकते हैं।
केदारनाथ धाम यात्रा कौन नहीं कर सकता है?
अगर कोई महिला 6 सप्ताह से अधिक की गर्भवती हैं, तो उसे केदारनाथ धाम यात्रा की अनुमति नहीं है।इसके अलावा 75 वर्ष से अधिक महिला और पुरुष को धाम यात्रा करने की अनुमति नहीं है।
FAQs
केदारनाथ का दूसरा नाम क्या है?
उत्तरी भारत में स्थित केदारनाथ मंदिर एक पवित्र तीर्थ स्थल है जिसकी समुद्र तट से ऊंचाई 3584 मीटर है। केदारनाथ मंदिर का दूसरा नाम केदार खंड है।
केदारनाथ में शिव का कौन सा भाग है?
ऐसा माना जाता है कि प्रत्येक स्थल पर भगवान शिव जी का एक अंश समर्पित है। जैसे: केदारनाथ धाम पर भगवान शिव जी का कूबड़ अंग है। मद महेश्वर धाम पर भगवान शिव जी का नाभि अंग है। तुंगनाथ धाम पर उनकी भुजाएं हैं। रुद्रनाथ पर भगवान शिव जी का चेहरा है। कल्पेश्वर धाम पर उनकी जटा या बाल है।
केदारनाथ जाने से पहले क्या जानना चाहिए?
अगर आप केदारनाथ की यात्रा करने के लिए सोच रहे हैं तो आपको यह ध्यान देना चाहिए कि गौरीकुंड से 18 किलोमीटर उंचाई की तरफ पैदल यात्रा करना होता है। इसलिए यात्रा पर जाने से पहले आपको नियमित व्यायाम करना चाहिए, यात्रा पर जाने से पहले चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए, सामान्य बीमारियां होने पर उसकी दवाई अथवा चिकित्सा सामग्री साथ लेकर जाना चाहिए।
केदारनाथ जाने से पहले क्या जानना चाहिए?
अगर आप केदारनाथ की यात्रा करने के लिए सोच रहे हैं तो आपको यह ध्यान देना चाहिए कि गौरीकुंड से 18 किलोमीटर उंचाई की तरफ पैदल यात्रा करना होता है। इसलिए यात्रा पर जाने से पहले आपको नियमित व्यायाम करना चाहिए, यात्रा पर जाने से पहले चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए, सामान्य बीमारियां होने पर उसकी दवाई अथवा चिकित्सा सामग्री साथ लेकर जाना चाहिए।
केदारनाथ में कौन से महीने में बर्फ गिरती है?
केदारनाथ धाम हिमालय में बसा हुआ है इसलिए यहां पर कब मौसम बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता है। केदारनाथ धाम 12000 फीट की ऊंचाई पर बसा हुआ है यहां पर मई और जून जैसे गर्मी के महीना में भी बर्फबारी होती रहती है।
केदारनाथ जाने के लिए क्या-क्या जरूरी है?
केदारनाथ जाने के लिए अपने साथ कई जरूरी सामान आपको ले जाना चाहिए जैसे : गर्म कपड़े, दस्ताने, जैकेट, टोपी, पानी गर्म करने के लिए रोड, गर्म पानी रखने के लिए बोतल, छोटा बैग, तरल पदार्थ खाने के लिए, पावर एक्सटेंशन बोर्ड आदि।
ऋषिकेश से केदारनाथ का बस का किराया कितना है?
ऋषिकेश से केदारनाथ बस का किराया लगभग ₹400 से हजार रुपए के होती हैं।
केदारनाथ के पुजारी को क्या कहा जाता है?
केदारनाथ के रावल (गुरू) महाराष्ट्र या केरल से होते है, ये लोग हर साल केदारनाथ धाम की यात्रा करते है। परंपरा के अनुसार केदारनाथ के रावल खुद पूजा नहीं करते बल्कि इनके निर्देश पर पुजारी मंदिर में पूजा करते हैं।
क्या केदारनाथ मंदिर के लिए कोई ड्रेस कोड है?
जी नहीं, केदारनाथ मंदिर के लिए कोई ड्रेस कोड नहीं है। लेकिन अगर आप केदारनाथ मंदिर का दर्शन करने जा रहे हैं तो शलीन कपड़े पहन कर जाएं। इसके अलावा महिलाएं भी अपनी पसंदीदा ड्रेस पहन सकती हैं। लेकिन ध्यान रहे धाम पर जाते समय ज्यादा भड़काऊ कपड़ा ना पहने।
मैं केदारनाथ में कहां स्नान कर सकता हूं?
केदारनाथ धाम पर पहुंचने के बाद सबसे पहले आपको तप्त कुंड में स्नान करना चाहिए, इसके बाद भगवान शिव जी का दर्शन करना चाहिए।
केदारनाथ जाने का सबसे अच्छा समय क्या है?
केदारनाथ यात्रा करने के लिए अप्रैल से जून का महीना सबसे अच्छा होता है, क्योंकि यहां पर 10 से 15 डिग्री सेल्सियस का तापमान होता है।
केदारनाथ मंदिर के पास कौन सा स्टेशन है?
केदारनाथ मंदिर की सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है। इसके अलावा केदारनाथ मंदिर की सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जाली ग्रांट है, यहां से मंदिर 314 किलोमीटर दूर है।
क्या केदारनाथ में सांस लेना मुश्किल है?
जी हां, केदारनाथ मंदिर 11755 फीट यानी 3584 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। इसलिए कुछ श्रद्धालुओ को उल्टी, चक्कर आना, सांस लेने में मुश्किल, सिरदर्द आदि होने लगता हैं। इसलिए केदारनाथ मंदिर की चढ़ाई करते समय अपने साथ खाने के लिए खूब सारे तरल पदार्थ रखना चाहिए।
केदारनाथ में क्या-क्या चढ़ाया जाता है?
केदारनाथ धाम भगवान शिव का पवित्र स्थान है, इसलिए सावन के महिने में भगवान शिवजी पर जलाभिषेक, बेलपत्र, ब्रह्मकमल आदि चढ़ाई जाती है।
केदारनाथ यात्रा में कितना खर्च आता है?
केदारनाथ यात्रा में खर्च आपके ऊपर निर्भर करता है, हालांकि लगभग केदारनाथ धाम पर एक दिन में 1500 रुपए खर्च होता हैं, इसके आधार पर आप अपना खर्च निकाल सकते हैं।
क्या हम ट्रेन से केदारनाथ जा सकते है?
केदारनाथ धाम जाने के लिए सीधी ट्रेन उपलब्ध नहीं है, आपको केदारनाथ धाम के नजदीकी स्टेशन ऋषिकेश पर उतरना होगा। ऋषिकेश से बस अथवा टैक्सी द्वारा आगे की सवारी कर सकते हैं।
केदारनाथ यात्रा में कितने दिन लगते हैं?
केदारनाथ की यात्रा करने में कुल दिन आपके घर से केदारनाथ की दूरी पर निर्भर करता है। केदारनाथ का दर्शन करने में आपके पास 1 दिन का समय होना चाहिए। इसके अलावा आप घर से आने जाने का समय जोड़ सकते हैं।
केदारनाथ की चढ़ाई कितने घंटे की है?
अगर आप केदारनाथ की चढ़ाई पैदल करते हैं तो आपको 8 से 10 घंटे का समय लगता है। लेकिन अगर आप घोड़े खच्चर या कंडी की मदद से केदारनाथ धाम की चढ़ाई करते हैं तो आपको 5-6 घंटे का समय लगता है।
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