Mehandipur Balaji Arji Lagaye : यदि आप महेंदीपुर बालाजी की अर्जी लगाना चाहते है परंतु आपको इसकी विस्तार जानकारी तथा अर्जी की विधि का विशेष ज्ञान नही है। तो फिर आपके लिए यह लेख बहुत ही खास होने वाला है क्योंकि इस लेख में हम आपको मेहंदीपुर बालाजी धाम पर अर्जी लगाने का तरीका बताने वाला हूं। अर्जी कहां मिलती है? मेहंदीपुर बालाजी की आरती ? अर्जी लगाने का समय? भक्त अर्जी क्यों लगाते है? मेहंदीपुर बालाजी की अर्जी घर पर कैसे लगाएं? आदि की विस्तार जानकारी आपको इस लेख में ही मिलेगी।
Mehandipur Balaji Mandir राजस्थान के तहसील सिकराय में स्थित हनुमान जी का एक प्रसिद्ध मंदिर है। महेंदीपुर बालाजी मंदिर श्री बालाजी के अवतार को समर्पित है जो कि हिन्दू धर्म के प्रमुख भगवान विष्णु के एक रूप माने जाते है। महेंदीपुर बालाजी का महत्व श्री बालाजी के भक्तों के बीच बहुत ऊंचा है और यहां हर साल लाखों भक्त आकार दर्शन करते है। इस मंदिर की शिखर ऊंचाई में दुनियां के सबसे ऊंचे मंदिरों में से एक है।
यहां दूर दूर से लोग बालाजी के दर्शन करने आते है और अपनी मनोकामनाओं को पूर्ण करने की विनती करते है। हनुमान जी अतुलनीय बलशाली है जिससे उन्हें बालाजी की संज्ञा दी गई है। भक्तों का मानना है कि यहां पर आने से किसी भी प्रकार के भूत प्रेत बाधाओं के शिकार लोगों को इन सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है। इसके अतिरिक्त बहुत से खतरनाक बीमारियों से पीड़ित भक्त भी यहां अपनी बीमारियों का बिना दवा के इलाज कराने आते है। यही कारण है कि भक्तों की बालाजी धाम में बहुत मान्यता है।
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर का इतिहास
जानकारी के अनुसार बालाजी धाम में उपस्थित तीन देव आज से 1000 वर्ष पूर्व यहां प्रकट हुए थे और तब से इनकी सेवा एक महंत परिवार की पीढ़ियां कर रही है। अभी तक 12 महंत महेंदीपुर बालाजी मंदिर से अपनी सेवा दे चुके है। महेंदीपुर बालाजी धाम के इतिहास की शुरुआत श्री गणेशपुरी जी महाराज से होती है।
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में भक्त अर्जी क्यों लगाते है?
जो भी महेंदीपुर बालाजी के दरबार में आते है, हर एक की कुछ न कुछ परेशानियां तथा शिकायतें होती है। जैसे की किसी को परीक्षा में सफलता नही मिल रही, कुछ लोग रोग से पीड़ित है, कई घरों में सुख शांति नही है, कुछ लोगो को नौकरी तथा जॉब नही मिलने से परेशान है और किसी को व्यापार में बरक्कत नही तो फिर किसी का विवाह नही हो रहा है। इन सभी परेशानियों को दूर करने के लिए अर्जी लगाते है। बहुत सारे भक्त इन्ही प्रकार के संकटों से घिरे आपको मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन के लिए खड़े हुए मिल जाएंगे।
मेहंदीपुर बालाजी जाने से पहले क्या करना चाहिए?
- मेहंदीपुर धाम पर आने से पहले कम से कम 11 दिनों तक ब्रह्मचर्य तथा सात्विक का पालन करना पड़ता है। इसके अलावा लहसुन, प्याज, मांसाहारी भोजन नहीं करना है।
- मंदिर दर्शन करने के बाद घर जाते समय यहां से प्रसाद लेकर नहीं जाना चाहिए, न ही यहां का प्रसाद किसी को खिलाना चाहिए।
- अगर आप मंदिर के आरती में शामिल होते हैं, तो आरती के बाद पीछे मुड़ कर न देखें सीधे अपने रूम पर चले जाना चाहिए।
- मेहंदीपुर बालाजी से आने के बाद 41 दिनों तक लहसुन, प्याज, मांस, शराब से दूर रहना पड़ेगा। तथा 41 दिनों तक घर से बाहर न निकलें।
- 41 दिन पूरा हो जाने के बाद किसी पंडित से घर में हवन करवाना चाहिए, इसके बाद ही घर से निकलना चाहिए।
मेहंदीपुर बालाजी अर्जी कहां मिलती है?
जानकारी के लिए बता दे, सभी अर्जी और दरख्वास्त आपको बालाजी मंदिर के सामने बनी प्रसाद की दुकानों से आसानी से मिल जाएगी। इसके अलावा सभी दुकानों पर इसकी कीमत भी एक जैसी ही रहती है।
मेहंदीपुर बालाजी अर्जी लगाने का समय
मेहंदीपुर बालाजी की अर्जी लगाने का समय की बात करे तो बाला जी की अर्जी हर रोज सुबह 8 बाजे से लेकर 11 बजे तक ही लगाई जाती है। इसके अलावा चंद्र ग्रहण या सूर्य ग्रहण और एकादशी के दिन अर्जी नही लगाई जाती है।
मेहंदीपुर बालाजी की अर्जी कैसे लगाई जाती है?
यदि आप मेहंदीपुर बालाजी में अपनी अर्जी लगाना चाहते है, तो आपकी अर्जी लगाने की प्रक्रिया तीन चरणों में पूर्ण होती है। इन तीन चरणों की विस्तार जानकारी आपको नीचे बताया गया है।
पहला चरण : Mehandipur Balaji Arji Lagaye.
- मेहंदीपुर बालाजी में अर्जी लगाने के लिए आपको सबसे पहले एक दुकानदार द्वारा एक थाली दी जाएगी।
- इस थाली में सवा शेर लड्डू होंगे, दरख्वास्त का एक दोना और साथ में एक कटोरी में थोडा घी।
- अब आपको उस थाली को सिर पर रख कर दर्शन के लिए लाइन में लग जाना है।
- लाइन में लग जाने के बाद एक समय में केवल तीन समस्या के बारे में सोचना है, तीन समस्या से ज्यादा सोचने पर अर्जी स्वीकार नहीं होगी।
- इसके बाद आप मेहंदीपुर बालाजी महाराज के सामने पहुंच जाएंगे।
- अब आपको अपनी थाली को महाराज या पंडित जी को दे देना है।
- पंडित जी द्वारा आपकी थाली में से कुछ लड्डू तथा थोड़ा घी बालाजी महाराज के आगे जल रही हवन में डाला जाएगा।
- इस समय आपको अपनी समस्या को मन में सोचना है और उस समस्या को दूर करने की अर्जी लगा देना है।
- जब अर्जी पूरी हो जाए तब मंदिर से बाहर निकलते समय आपको वापस उस थाली को दुकानदार को दे देना है।
दूसरा चरण : मेहंदीपुर बालाजी की अर्जी कैसे लगाई जाती है?
- दूसरे चरण में आपको फिर से उसी दुकानदार द्वारा 2 थाली दी जाएगी।
- इनमे से एक थाली में उबले हुए उड़द तथा दूसरी थाली में उबले हुए चावल होंगे।
- आपके बचे छः लड्डू शेष थे, उनमें से दो-दो लड्डू दोनो थालियों में रख देना है।
- बाकी बचे 2 लड्डू आपको अर्जी लगाने के बाद वापस दे दिया जाएगा।
- अब आपको उड़द की थाली को लेकर भैरव जी महाराज के दरबार में जाना होगा।
- इसके बाद आप यह थाली वहा के महाराज को दे देनी है।
- अब महाराज जी आपकी थाली में से कुछ लड्डू तथा उड़द निकालकर हवन में डालेंगे।
- आपको फिर से मन में उसी प्रक्रिया को दोहराना होगा।
- इसके बाद आपको सीधे प्रेतराज जी के दरबार में जाकर महाराज जी को चावल वाली थाली देना है।
- फिर आपको यही प्रक्रिया दोहराना है।
- यह सब होने के बाद जब आप बाहर आए तो आपको एक जगह पर अपनी थाली में बचे सारे सामानों को 7 बार उतारा देकर अपने पीछे गिरा देना है, ध्यान रहे इस प्रक्रिया में आपको पीछे मुड़ कर नही देखना है।
- इसके बाद आपको वह दोनो थालियों को दुकान दार को दे देना है।
तीसरा चरण : बालाजी की अर्जी लगाएं?
- तीसरे चरण में आपको दुकानदार द्वारा एक दरख्वास्त लगाने के लिए दोना दिया जाएगा, जिसे लेकर आपको फिर से उसी लाइन में खड़े हो जाना है।
- इसके बाद आपको मन मन में अपना नाम और पता बोलकर कहना है कि – मेहंदीपुर बालाजी मैंने जो अर्जी लगाई है उसे मंजूर कर लीजिए।
- यह बोलते ही आपकी दरख्वास्त लग जाएगी।
मेहंदीपुर बालाजी की अर्जी घर पर कैसे लगाएं?
घर से मेहंदीपुर बालाजी की अर्जी लगाने के लिए आपको निम्लिखित कदमों का पालन करना होगाI जिसकी विस्तार जानकारी नीचे दी गई है-
- मेहंदीपुर बालाजी की अर्जी को घर पर लगाने के लिए आपको सबसे पहले एक स्थिर और शुद्ध स्थान चुनें जहां आप अर्जी लगाना चाहते है।
- इसके बाद आपको पूजा सामग्री जैसे कि दीपक, फल, फुल और निवेदन आदि तैयार करे।
- मेहंदीपुर बालाजी की मूर्ति या फोटो के सामने बैठे तथा उनकी उपासना करे।
- अर्जी की ओर मन से आदर तथा श्रद्धा के साथ करेI इसके साथ आपको अपनी इच्छा या फिर समस्या का उल्लेख करे।
- पूजा सामग्री और निवेदन को उपहार के रूप में प्रस्तुत करे।
- पूजा के बाद आप उम्र के साथ अर्जी के परिणाम देख सकते है और आपकी मनोकामनाएं पूरी हो सकती है।
NOTE : ध्यान दे कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है और आपकी विशिष्ट धार्मिक या पूजा प्रथाओं के अनुसार विभिन्न तरीको से किया जा सकता है।
मेहंदीपुर बालाजी जाने से क्या फायदा होता हैं?
राजस्थान के दौसा जिले में मेहंदीपुर नामक एक घाटी है, यहीं पर हनुमान जी का बाल रूप स्थापित हैं। यहां पर जो भी दर्शन करने आता है उसकी मनोकामना पूरी होती है। ज्यादातर यहां पर भूत प्रेत बाधा से परेशान श्रद्धालु आते हैं, अपनी अर्जी बांधते हैं। कितना भी पुराना भूत प्रेत हो, यहां के नियमों का पालन करें सभी बाधाएं खत्म हो जाती है।
मेहंदीपुर बालाजी की आरती
मेहंदीपुर बालाजी की आरती सभी प्रकार के दुष्ट और काली नकारात्मक शक्तियों से मुक्त प्रदान करने वाला महा मंत्र है। जो इस प्रकार है-
ॐ जय हनुमत वीरा स्वामी जय हनुमत वीरा |
संकट मोचन स्वामितुम हो रणधीरा ||
ॐ जय हनुमत वीरा…..||
पवन-पुत्र-अंजनी-सूतमहिम अति भारी |
दुःख दरिद्र मिटा ओसंकट सब हारी ||
ॐ जय हनुमत वीरा…..||
बाल समय में तुमनेरवि को भक्ष लियो |
देवन स्तुति किन्हितब ही छोड़ दियो ||
ॐ जय हनुमत वीरा…..||
कपि सुग्रीव राम संगमैत्री करवाई |
बाली बली मरायकपीसहि गद्दी दिलवाई ||
ॐ जय हनुमत वीरा…..||
जारी लंक को ले सिय किसुधि वानर हर्षाये |
कारज कठिन सुधारेरघुवर मन भाये ||
ॐ जय हनुमत वीरा…..||
शक्ति लगी लक्ष्मण के भारी सोच भयो |
लाय संजीवन बूटीदुःख सब दूर कियो ||
ॐ जय हनुमत वीरा…..||
ले पाताल अहिरावणजबहि पैठी गयो |
ताहि मारि प्रभु लायेजय जयकार भयो ||
ॐ जय हनुमत वीरा…..||
घाटे मेंहदीपुर मेंशोभित दर्शन अति भारी |
मंगल और शनिश्चरमेला है जारी ||
ॐ जय हनुमत वीरा…..||
श्री बालाजी की आरतीजो कोई नर गावे |
कहत इंद्र हर्षितमन वांछित फल पावे ||
ॐ जय हनुमत वीरा…..||
FAQs
हनुमानजी को कौन सा फल पसंद है?
हनुमानजी को केला, सेब, संतरे और नाशपाती जैसे फल पसंद है। इन्हे शुद्ध प्रसाद तथा शुद्ध फल के रूप में भी माना जाता है।
मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन कैसे करें?
मेहंदीपुर बालाजी का दर्शन करने के लिए आपको सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर नहा धोकर साफ कपड़े पहन लेना चाहिए। इसके बाद ऊपर आर्टिकल में बताए गए प्रक्रिया के अनुसार बालाजी मंदिर में पहुंचकर अर्जी लगानी चाहिए।
हनुमानजी को कौन सा दीपक जलाना चाहिए?
हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए चमेली के तेल का दीपक जलाना चाहिए, इससे हनुमानजी प्रसन्न होते है।
मेहंदीपुर बालाजी कब जाना चाहिए?
मेहंदीपुर बालाजी मंगलवार और शनिवार को जाना चाहिए, यह दिन मेहंदीपुर बालाजी का दिन माना जाता है। यहाँ अपनी सभी परेशानियों को दूर करने के लिए अर्जी लगाने के लिए आते है।
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