दोस्तों वर्तमान समय में आपने भी इस बात का अनुभव किया होगा कि ₹1 का सिक्का दुकानदार से लेकर आम आदमी भी लेने से इनकार कर देता है। 50 पैसे के रूप में दिखने वाला ₹1 का सिक्का वर्तमान समय में कोई भी उपयोग नहीं कर रहा है। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा एक रुपए के सिक्के को लेकर नए गाइडलाइंस जारी किया गया है। जिसे जानना आपके लिए बेहद जरूरी है।
नई जानकारी के अनुसार वर्तमान समय में ज्यादातर दुकानदार ₹1 का सिक्का उपयोग नहीं करते हैं, इससे आम नागरिकों को लगता है कि शायद एक रुपए का सिक्का बंद हो गया है। इसलिए आज के आर्टिकल में हम आपको यही बताने वाले हैं कि आरबीआई बैंक द्वारा ₹1 के सिक्के को लेकर क्या गाइडलाइन जारी किया गया है। ताकि आपको आगे किसी किसी समस्या का सामना न करना पड़े।
मिली जानकारी के अनुसार भारत के कुछ राज्य जैसे बिहार उत्तराखंड उत्तर प्रदेश आदि, इन राज्यों में दुकानदार पूर्णतः ₹1 का सिक्का लेने से इनकार कर दिया है। यही वजह है कि आम नागरिक भी ₹1 के सिक्के को लेने से इनकार कर दिया है। इस प्रकार का प्रचलन शुरू होने से आखिरकार आरबीआई बैंक द्वारा एक रुपए के सिक्के को लेकर नए गाइडलाइंस जारी कर दिया गया है, जो आगे आर्टिकल में जानेंगे।
RBI द्वारा 1 रु को लेकर नया गाइडलाइंस जारी किया गया
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा यह गाइड लाइंस यानी कि आदेश दिया गया कि कि देश में जो भी सिक्का चल रहा है। जैसे – ₹1 का सिक्का, ₹2 का सिक्का, ₹5 कासिक्का, ₹10 का सिक्का, किसी को भी बंद नहीं किया गया है। इसलिए सभी दुकानदार और आम नागरिकों को यह आदेश दिया जाता है, कि 1 रु का सिक्का उपयोग शुरू कर दे। अगर कोई इंसान या दुकानदार ₹1 का सिक्का लेने से मना कर देता है, तो उस पर कड़ी कार्यवाही हो सकती है।
₹1 सिक्का का इतिहास और खासियत
₹1 भारतीय सिक्का का सबसे छोटा सिक्का है। सबसे पहले 1992 से एक रूपए सिक्के की शुरुआत हुई थी। लेकिन एक रुपए की पहली बार ढलाई 1950 में हुआ था। जो वर्तमान समय में भी चल रहा है। इसके बाद 2011 में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा फिर से 1 रु को डिजाइन किया गया।
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