आज के समय में काफी ज्यादा मात्रा में सड़कों पर घूमते हुए आवारा गायों का झुंड आपको देखने को मिल जाएगा। सड़क दुर्घटना में निराश्रित गोवंशो की हत्या होती रहती है। इसलिए गाय को दुर्घटना से बचने के लिए जिला पंचायत सिंगरौली के सभागार में बैठक किया गया। इस बैठक में जिला पंचायत सीईओ की अध्यक्षता में ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव, ग्राम विकास अधिकारी, इंजीनियर मौजूद थे। इसी बैठक में सड़कों पर घूमने वाली आवारा गायों को चराने के लिए चरवाहों की नियुक्ति पर चर्चा किया गया। अगर आप भी अपने क्षेत्र में चरवाहों की नौकरी पाना चाहते हैं, तो आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
इस बैठक में सीओ द्वारा कहा गया कि आवारा गायों के लिए गौशाला का निर्माण कराया गया है, लेकिन फिर भी सड़क पर काफी ज्यादा मात्रा में निराश्रित गाय आपको बैठी और खड़ी हुई मिल जाएगी। जिसके कारण सड़क पर दुर्घटना होता रहता है। हिंदू धर्म में गाय को माता कहा जाता है, इसलिए गाय की रक्षा करना हमारा धर्म है। गाय सड़क पर आवारा ना घूमें, इसके लिए उत्तम व्यवस्था करनी चाहिए।
गौ रक्षा को लेकर समाज में जागरूकता फैलाना
सड़क दुर्घटना में गाय को बचाने के लिए समाज में जागरूकता फैलाना अच्छा विकल्प है। सीओ द्वारा बैठक में कहा गया कि ग्रामीण लोगों को गाय के दूध, गोबर तथा मूत्र का फायदा समझाया जाए। ताकि वे अन्य पशुपालन के साथ-साथ गाय का पालन भी करें। इसके अलावा समाज में हो रहे सामाजिक कार्यक्रम में गौ वंश की रक्षा के लिए भाषण तथा शपथ दिलाया जाए। स्कूली विद्यार्थियों को भी पशु प्रेम के बारे में समझाया जाएं, इस प्रकार से सड़कों पर आवारा घूम रहे पशुओं की सुरक्षा किया जा सकता है।
चारा योग्य भूमि को किया जाए चिन्हित
जहां पर आवारा पशुओं की सुरक्षा जरूरी है, वहीं पर उसके लिए खानपान की व्यवस्था करना भी अति आवश्यक है। ग्राम पंचायत में जहां-जहां आबादी की उपजाऊ भूमि है, उसे चिन्हित किया जाए। वहीं पर आवारा पशु को खाने के लिए घास चारा उगाया जाएं।
इस प्रकार से जब आवारा गाय के लिए चारे पानी और रहने की व्यवस्था हो जाएगी, तो सड़क पर घूमने वाले पशुओं की संख्या में कमी आयेगी। आवारा पशु और गाय की सुरक्षा के लिए बाड़ा तथा चरवाहा का खर्च, मनरेगा योजना तथा 15वें वित्त राशि से किया जाएगा।
बैठक में किन-किन ग्राम पंचायत ने लिया हिस्सा
गोवंश सुरक्षा बैठक में निम्न ग्राम पंचायतों ने भाग लिया- हर्दी, परसौना, ढेंकी, खुटार, रजमिलान, रैला, बनौली, भुड़कुड़, जरौधी, माड़ा, कोयलखूंथ, जोगियानी, देवरी, गड़हरा, पौड़ी, नौगई, डिग्धी, आदि पंचायतें शामिल थीं।
सड़कों पर घूमने वाली आवारा गायों को चराने के लिए निकली भर्ती
कलेक्टर द्वारा निराश्रित गोवंशों को सुरक्षित रखने के लिए 13 बिंदुओं का आदेश जारी किया गया, जिसमें आवारा गायों को चराने के लिए चारवाहों की नियुक्ति करना मुख्य बिंदु था। कलेक्टर द्वारा कहा गया कि हर ग्राम पंचायत में चरनोई की भूमि चिन्हित करना, गौ वंश के आधार पर अस्थाई तथा स्थाई बाड़े का निमार्ण करना, मनरेगा योजना के तहत शेड निर्माण करना, पशुओं के खान और पानी की उत्तम व्यवस्था करना, गर्भवती व दुधारू गायों के लिए समुचित व्यवस्था करना, आवारा गायों को चराने के लिए चरवाहों की नियुक्ति करना आदि आदेश दिया गया।
इस प्रकार से कलेक्टर द्वारा तेरा अहम बिंदुओं पर फोकस किया गया, अगर आप भी इन ग्राम पंचायत के रहने वाले हैं। तो इसकी विस्तृत जानकारी ग्राम प्रधान से पा सकते हैं। गायो को चराने के लिए चरवाहों की नौकरी अपने ही ग्राम पंचायत में पा सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के रहने वाले जिन युवाओं के पास पशुओं के रखरखाव से संबंधित जानकारी है, तो उनके लिए अच्छा मौका है।