दोस्तों जैसा कि आपको पता है मनरेगा योजना देश की सबसे बड़ी योजना है। इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में जरूरतमंद बेरोजगार युवकों को 1 साल में 100 दिन का रोजगार दिया जाता है। इसी योजना के तहत अब प्रदेश में पौधे लगाने का काम किया जाएगा, और इन पौधों की देखभाल करने के लिए वॉच एंड गार्ड के रूप में ग्रामीण लोगों को नौकरी पर रखा जाएगा। और उन्हें महीने का 4000 से ₹5000 सैलरी दिया जाएगा।
जहां पर पहले इस योजना के तहत जरूरतमंद लोगों को 1 साल में 100 दिन का रोजगार मिलता था, वही अब पौधों की देखभाल करने के लिए गार्ड की नौकरी मिल सकेगी। प्रदेश में पेड़ लगाकर ग्रीन सिटी बनाने का प्रयास किया जाएगा, जिससे पर्यावरण शुद्ध बन सकेगा।
आज के समय में ज्यादातर पेड़ पौधों की कमी होती जा रही है, इंसान अपनी जरूरत के लिए धीरे धीरे जंगलों को भी साफ करने लगा है। यहीं वजह है कि आज के समय में पर्यावरण प्रदूषण तथा ऑक्सीजन की कमी होती जा रही है। यही समस्या को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा योजना के तहत जरूरतमंद प्रदेश में पौधे लगाने का कार्य शुरू किया गया है। अगर आप भी पौधों की सुरक्षा हेतु गार्ड की नौकरी पाना चाहते हैं, तो पूरा आर्टिकल ध्यान से पढ़ें।
राज्य सरकार द्वारा पौधे लगाने की योजना
आज के समय में सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा पेड़ लगाने पर जोर दिया जा रहा है, जिसके कारण कुछ सामाजिक संस्थाएं पेड़ भी लग रही है। लेकिन पेड़ लगाने के बाद समय पर पानी न मिलाना, जीव जंतु से सुरक्षा न मिलने के कारण नष्ट हो जाते हैं। वे पौधे कभी भी पेड़ का रूप नहीं ले पाते हैं। इसलिए राज्य सरकार द्वारा अब उन पौधों की देखभाल के लिए एक गार्ड नियुक्त किया जाएगा। हालांकि इन्हें मनरेगा के तहत कच्ची नौकरी यानि अस्थाई नौकरी पर रखा जाएगा।
इन गार्ड का काम होगा कि पौधों में समय पर खाद पानी देना, और जीव जंतु से उन पौधों की सुरक्षा करना ताकि वे पेड़ बन सकें। यह संभावना जताया जा रहा है कि राज्य के लगभग 8000 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। अगर आप भी चाहे तो गार्ड की नौकरी पा सकते हैं।
एक गार्ड पर होगी 200 पौधों की जिम्मेदारी
जैसा कि हमने आपको बताया कि पौधों की देखभाल के लिए मनरेगा के तहत कच्ची नौकरी के आधार पर गार्ड की नियुक्ति होगी। एक गार्ड पर 200 पौधे की जिम्मेदारी होगी। यानि एक गार्ड 200 पौधों की देखभाल करेगा, समय समय पर पौधों में पानी देना, पौधों की देखभाल करना, उन्हें जानवरों से बचाना आदि काम रहेगा। अगर कोई गार्ड अपनी जिम्मेदारी बखूबी नहीं निभायेगा, तो उसकी सैलरी काट ली जायेगी।
राज्य में कहां कहां होगा पौधारोपण
सरकार द्वारा राज्य में पौधारोपण का स्थान निर्धारित कर दिया गया है। राज्य में सरकारी स्थान जैसे– ग्राम पंचायत, गौशाला, सार्वजनिक स्थान, सरकारी स्कूल, सरकारी ग्राम स्तरीय कार्यालय आदि जगहों पर वृक्षारोपण किया जाएगा। इसके अलावा सरकार द्वारा झुंझुनूं जिला में 185 जगह चिन्हित किया गया है, जहां पर गार्ड की नियुक्ति की जायेगी। इसी तरह अन्य जिलों में भी राज्य सरकार द्वारा पौधारोपण के लिए गार्ड की नियुक्ति की जायेगी।
वाच एंड गार्ड को मिलने वाली सैलरी
पौधों की देखभाल के लिए जिन ग्रामीण व्यक्तियों को रखा जाएगा, उन्हें नरेगा की तरफ से अकुशल श्रमिकों के नियम के अनुसार मानदेय दिया जाएगा। यदि व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी को निभाते हुए पौधों का सही रखाव, सुरक्षा की देखभाल करता है, तो उसे मानदेय पर 5 से 6 हजार रुपए प्रति माह दिया जाएगा। अगर वे काम में लापरवाही करते है तो सैलरी काटा भी जा सकता है।
मनरेगा में मिलने वाली सैलरी
मनरेगा योजना भारत के सभी राज्यों में लागू किया गया है, इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण और शहरी स्तर पर बेरोजगार युवाओं को 1 साल में 100 दिन का रोजगार दिया जाता है। अलग-अलग राज्यों में मनरेगा मजदूरी अलग-अलग निर्धारित किया गया है।
अलग-अलग राज्यों में एक दिन की मनरेगा मजदूरी इस प्रकार है- आंध्र प्रदेश -300रु, अरूणाचल प्रदेश -234रु, असम -249रु, बिहार -245रु, छत्तीसगढ़ -243रू, गोवा -356रु, गुजरात -280रु, हरियाणा -374रु, जम्मू कश्मीर -259रु, लद्दाख -259रु, झारखंड -245रु, कर्नाटक -349रु, केरला -346रु, मध्य प्रदेश -243रु, महाराष्ट्र -297रु, मणिपुर -272रू, मेघालय -254रु, मिजोरम -266रु, नागालैंड -234रु, उड़ीसा -254रु, पंजाब -322रु, राजस्थान -266रु, सिक्किम -249रु, तमिलनाडु -319रु, तेलंगाना -300रु, त्रिपुरा -242रु, उत्तर प्रदेश -237रू, उत्तराखंड -237रु,
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