दोस्तों जैसा कि आपको पता है वर्तमान समय में लगभग अधिकांश लोगों के पास एक से अधिक बैंक में अकाउंट खुला हुआ है। लेकिन बैंक खाताधारक द्वारा बैंक अकाउंट से बहुत कम लेन देन किया जाता है। इसलिए दो बैंक में खाता होने पर लगेगा कड़ा जुर्माना, RBI ने नया गाइडलाइंस जारी किया।
अगर आपका भी एक से अधिक बैंक में खाता खुला हुआ है, तो आज का लेख पढ़ना आपके लिए बहुत जरूरी है। नहीं तो आरबीआई गवर्नर के नई गाइडलाइंस के अनुसार आपको भारी जुर्माना देना पड़ सकता है।
बैंक अकाउंट का विभिन्न प्रकार
बैंक में विभिन्न प्रकार के अकाउंट खोला जाता है, हर बैंक अकाउंट का अपना अलग-अलग सुविधा और नियम शर्तें होता है। लेकिन मुख्यतः 4 प्रकार का बैंक अकाउंट होता है। जो इस प्रकार हैं-
1.बचत खाता (Saving Account) : लगभग सभी बैंकों में बचत खाता ज्यादा खुलवाया जाता है, यह एक प्रकार का आम बैंक अकाउंट होता है जिसमें आप पैसे जमा करवा सकते हैं। और जरूरत पड़ने पर बैंक शाखा में जाकर या नेट बैंकिंग, एटीएम, मोबाइल बैंकिंग से पैसे निकाल सकते हैं। सेविंग अकाउंट में जमा धन राशि पर बैंक के द्वारा ब्याज भी दिया जाता है।
2.चालू खाता (Current Account) : यह बैंक अकाउंट ज्यादातर बड़े-बड़े बिजनेसमैन, उद्योगपति, कंपनी द्वारा खुलवाया जाता है। चालू बैंक अकाउंट में जमा धन राशि पर किसी भी प्रकार का ब्याज नहीं मिलता है। लेकिन हां सेविंग अकाउंट में मिलने वाली सभी सुविधाएं करंट अकाउंट में अकाउंट उपभोक्ता को दिया जाता है।
बैंक द्वारा करंट अकाउंट पर ओवरड्राफ्ट की सुविधा दी जाती है, जिसके आधार पर आप अपने बैंक अकाउंट में जमा धनराशि से ज्यादा पैसा निकाल सकते हैं। करंट अकाउंट में मिनिमम बैलेंस की लिमिट प्रत्येक बैंक द्वारा अलग-अलग निर्धारित किया गया है।
3.आवर्ती जमा खाता (Recurring Deposit Account) : रिकरिंग डिपॉजिट अकाउंट उन व्यक्तियों के लिए खोला जाता है, जो हर महीने एक निश्चित धनराशि एक निश्चित समय के लिए बैंक अकाउंट में जमा करवाना चाहते हैं। आवर्ती जमा खाता खोलने के बाद व्यक्ति को हर महीने एक निश्चित धनराशि जमा करना जरूरी होता है। समय सीमा पूरा होने के बाद कुल पैसा ब्याज सहित जोड़कर खाताधारक को लौटा दिया जाता है।
आरडी अकाउंट में आप 1 साल से लेकर 10 साल तक पैसा जमा करवा सकते हैं। क्योंकि इसमें सेविंग अकाउंट से ज्यादा ब्याज दिया जाता है। इसके अलावा समय सीमा पूरा होने के पहले भी जरूरत पड़ने पर पैसा निकाल सकते हैं।
4.सावधि जमा खाता (Fixed Deposit Account) : यह भी बैंक में खुलने वाला एक प्रकार का बैंक अकाउंट है। जब एक निश्चित धनराशि एक निश्चित समय के लिए जमा करने की आवश्यकता पडती है, तब बैंक द्वारा फिक्स डिपॉजिट अकाउंट खोला जाता है। आरडी अकाउंट की तरह इसमें हर महीने पैसा जमा करने की जरूरत नहीं पड़ती है। इसमें केवल एक बार अकाउंट खुलवाते समय जितना चाहे उतना धनराशि फिक्स जमा कर सकते हैं।
फिक्स डिपाजिट में पैसा 1 साल से लेकर 10 साल तक जमा कर सकते हैं। अगर आपको जरूरत है तो समय से पहले भी पैसा निकाल सकते हैं। लेकिन इसके लिए बैंक के नियमों शर्तों के अनुसार जुर्माना लग सकता है।
दो बैंक में खाता होने पर लगेगा कड़ा जुर्माना, RBI ने नया गाइडलाइंस जारी किया
पहले लोगों के अंदर इस बात को लेकर चिंता थी, कि क्या एक से अधिक बैंक में अकाउंट होने पर जुर्माना लगता है। लेकिन अब भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा इस बात को स्पष्ट कर दिया गया है कि कोई भी व्यक्ति एक से अधिक बैंक में खाता खोल सकता है। लेकिन इसके लिए कुछ नियम शर्तों को ध्यान में रखना जरूरी है, जो इस प्रकार हैं-
केवाईसी नियम का पालन
बैंक में अकाउंट होने पर बैंक खाता धारक को केवाईसी नियम का पालन करना होगा। उन्हें जब भी बैंक कर्मचारियों द्वारा केवाईसी करने की सूचना दी जाएगी। तो उन्हें बैंक संबंधित दस्तावेजों के साथ केवाईसी करवाना अनिवार्य होगा।
मिनिमम जमा धनराशि
प्रत्येक बैंक द्वारा सेविंग अकाउंट खोले जाने पर उसमें मिनिमम जमा धनराशि निर्धारित किया गया है। यानि अगर आपका एक से अधिक बैंक में अकाउंट खुला हुआ है। तो उसमें कम से कम बैंक द्वारा निर्धारित मिनिमम धनराशि अवश्य जमा होना चाहिए।
कानूनी अनुपालन
सभी बैंक खाताधारक को बैंक द्वारा बनाए गए नियम कानून का पालन करना पड़ेगा। अगर कोई खाताधारक बैंक नियमों का उल्लंघन करता है, तो उस पर जुर्माना के साथ-साथ अकाउंट क्लोज किया जा सकता है।
एक से अधिक बैंक अकाउंट खोलने का फायदा और नुकसान
- विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति के अलग-अलग अकाउंट खुलवाना फायदेमंद होता है। बचत, निवेश, व्यवसाय के लिए अलग अकाउंट होना चाहिए।
- एक से अधिक बैंक अकाउंट होने पर जोखिम का बंटवारा हो जाता है। अगर किसी कारण बस एक बैंक अकाउंट से चोरी हो जाता है, तो बाकी बैंक खाता सुरक्षित रहता है।
- अलग-अलग बैंक में अलग-अलग अकाउंट होने पर अलग-अलग बैंकिंग सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।
- एक से अधिक बैंक अकाउंट होने पर उसका प्रबंध करना काफी मुश्किल होता है,जो कि नुकसान है।
- प्रत्येक बैंक द्वारा न्यूनतम शुल्क तथा अन्य शुल्क खाता धारक को लगाया जाता है। जो कि एक से अधिक बैंक अकाउंट होने पर नुकसान है।
- एक से अधिक बैंक अकाउंट होने पर उसका नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग का पासवर्ड, एटीएम कार्ड पिन याद रखना बहुत मुश्किल होता है।
इसे भी पढ़े