Neji Jameen Se Kabja Hataye : दोस्तों कई बार ऐसा होता है, जब हमारे निजी जमीन जैसे – खेत, घर, दुकान आदि पर किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा अवैध कब्जा कर लिया जाता है। जमीन हमारे नाम पर होती है, फिर भी अगला व्यक्ति जबरदस्ती या डरा धमकाकर या दबंगई से हमारी निजी जमीन पर कब्जा कर लेता है। अगर आप के साथ भी ऐसा हुआ है तो आज का आर्टिकल पढ़कर जान सकते हैं कि अपने निजी जमीन पर अवैध कब्जा कैसे हटाएं?
वैसे तो किसी की जमीन अथवा घर चुराया नहीं जा सकता है, लेकिन हां पड़ोसी द्वारा, गांव के दबंगों द्वारा कब्जा जरूर किया जा सकता है। अगर आपके निजी जमीन पर किसी ने कब्जा किया है, तो आप कोर्ट की मदद लेकर अपनी जमीन और हर्जाना दोनों पा सकते हैं। बस आप को निजी जमीन से अतिक्रमण हटाने का सही नियम पता होना चाहिए। जिसकी जानकारी आगे आर्टिकल में बताया जाएगा।
भारत में जमीन अतिक्रमण को अपराध माना जाता है, भारतीय दंड संहिता की धारा 441 के अनुसार जमीन व संपत्ति पर अतिक्रमण से जुड़े मामलों पर कार्यवाही की जाती है। अगर किसी व्यक्ति द्वारा किसी के निजी जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया जाता है। तो उस पर सेक्शन 447 के तहत जुर्माना तथा 3 महीने का कारावास की सजा हो सकती है।
निजी संपत्ति पर अवैध कब्जा क्या हैं?
अवैध कब्जा यानि अवैध अतिक्रमण का मतलब होता है कि किसी व्यक्ति या संगठन द्वारा किसी व्यक्ति की निजी जमीन अथवा संपत्ति पर जबरदस्ती कब्जा कर लिया जाए यानि दबंगई से अपने अधिकार में ले लिया जाए, बिना जमीन मालिक के परमिशन के, इसे ही अवैध संपति पर कब्जा कहते हैं।
आज के समय में ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्र में अवैध कब्जा के मामले आते रहते है। यदि कोई व्यक्ति किसी भू भाग का मालिक नहीं है, वह जमीन किसी और की जमीन है। फिर भी व्यक्ति द्वारा जबरन जमीन मालिक की अनुमति बिना अपने कब्जे में ले लिया जाता है, उसे ही निजी जमीन पर अवैध कब्जा कहते हैं।
लेकिन यदि व्यक्ति की सहमति से उसके निजी जमीन को कोई व्यक्ति अपने उपयोग में लाता है, तो वह अवैध कब्जा नहीं होता है बल्कि कानून की दृष्टि से सही है। जैसे – मकान मालिक द्वारा मकान किराए पर देना, यानि मकान मालिक एक निश्चित समय के लिए अपने मकान को किसी व्यक्ति को किराए पर दे रहा है। उसके बदले में किराया मिल रहा है। अगर किरायादार निश्चित अवधि पूरा होने के बाद भी मकान खाली नहीं करता है, तो किराएदार द्वारा संपत्ति पर अवैध कब्जा माना जाएगा।
निजी जमीन पर अवैध कब्जा होने पर क्या करें?
अगर किसी व्यक्ति द्वारा जबरन आपके लैंड या प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जा कर लिया जाता है, तो अपनी निजी जमीन पर अवैध कब्जा हटाने हेतु संबंधित अधिकारी से इसकी शिकायत करें। जमीन का मालिक अतिक्रमणकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकता है। शिकायत दर्ज करने के बाद याचिका दायर होने पर अदालत अवैध कब्जा पर रोक लगा सकती है। इसके अलावा अवैध अतिक्रमण करने के कारण मुआवजा देने का आदेश दे सकती है।
कोर्ट द्वारा भूमि पर अवैध कब्जा के मामले में जमीन की कीमत के आधार पर मुआवजा रकम तय की जाती है। अगर अवैध कब्जा के दौरान आपके निजी जमीन अथवा संपत्ति पर कोई क्षति पहुंचती है, तो फरियादी हर्जाने के लिए आर्डर 39 के नियम 1, 2, 3 के तहत दावा कर सकते हैं। हालांकि जमीन अतिक्रमण की समस्या को आपसी सहमति से हल किया जा सकता है। जैसे – जमीन का बंटवारा, जमीन किराए पर देना, जमीन बेचना आदि।
Neji Jameen Se Kabja Hataye.
अगर किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा आपके निजी जमीन या संपत्ति पर अवैध कब्जा कर लिया गया है, तो जमीन से अवैध कब्जा हटाने के अनेक उपाय है। जिसकी जानकारी आगे बताया गया है, आप इसमें से कोई भी विकल्प अपने सुविधा अनुसार उपयोग कर सकते हैं। और अपने निजी जमीन से अवैध अतिक्रमण हटा सकते हैं।
सिविल कोर्ट के माध्यम से
आप अपने निजी जमीन से अवैध कब्जा हटाने के लिए सिविल कोर्ट का सहारा ले सकते हैं। संपति पर अवैध कब्जा होने के कुछ कारण इस प्रकार हैं-
- जब व्यक्ति अपनी जमीन अथवा घर में नहीं रहता है, और उसका प्रबंधन दूसरों के हाथ में दे देता है। जैसे – दोस्त, रिश्तेदार आदि। तब संपत्ति पर कब्जा होने की संभावना होती हैं।
- कई बार दूसरे लोग द्वारा संपत्ति का प्रबंधन किया जाता है, संपति को कोई देखने वाला नहीं होता है। जिसके कारण उस संपत्ति का दुर्पयोग किया जाता है। तब संपत्ति पर कब्जा होने की संभावना होती हैं।
- मकान किराए पर देने से पहले किरायेदार द्वारा सही समझौता न करने पर संपत्ति पर कब्जा होने की संभावना होती हैं।
- जब संपति का मालिक अपने जमीन की देखभाल नहीं कर पाता, वैसे ही संपत्ति छोड़कर शहर या विदेश में बस जाता है। तब उस संपत्ति पर कब्जा होने की संभावना बढ़ जाती हैं।
मुआवजा देकर निजी जमीन से कब्जा हटाना
अगर आपकी संपत्ति पर अवैध कब्जा कर लिया गया है, तो कब्ज़ा हटाने हेतु मुआवजा का सहारा ले सकते हैं। मुआवजा का तरीका सही तरीका है, क्योंकि आप लड़ाई झगडे, कोर्ट का चक्कर काटने से बच सकते हैं। समझौता के मुताबिक मुआवजा राशि देकर अपनी संपति वापस पा सकते हैं। अवैध कब्जा करने वाले व्यक्ति से आपसी सहमति के आधार पर अपनी जमीन वापस पा सकते हैं।
मुआवजा का निर्धारण करते समय संपत्ति के मूल्य के अनुसार मुआवजा निर्धारित करना चाहिए। इसके अलावा आप आपसी सहमति से अवैध कब्जा धारक से निगोशियेट कर सकते हैं। दोनों पक्षों के राजी हो जाने पर एग्रीमेंट साइन अवश्य करवा लेना चाहिए। ताकि इस बात का सबूत रहे कि अवैध कब्जा हटाने हेतु कितना मुआवजा दिया गया है।
अवैध कब्जा की शिकायत कहां करें?
अवैध कब्जा एक गैर कानूनी गतिविधि है, इसमें पीड़ित व्यक्ति अपने निजी जमीन पर अतिक्रमण हटाने हेतु भारतीय कानून का सहारा ले सकता है। अवैध कब्जा की शिकायत करने हेतु नीचे दिए प्रक्रिया को फॉलो करें-
पुलिस थाने में शिकायत करना
आप अवैध कब्जा हटाने के लिए अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत कर सकते हैं। सीआरपीसी धारा 145 के तहत पुलिस कार्यवाही करने के लिए बाध्य होगी, लेकिन हां पुलिस में शिकायत करने के बाद FIR की एक कापी अपने पास अवश्य रखें।
पुलिस अधिकारी (SP) से शिकायत करना
अगर किसी व्यक्ति अथवा संस्था द्वारा आपके निजी जमीन या संपत्ति पर कब्जा कर लिया गया है, तो आप अपनी जमीन पाने के लिए अपने शहर के पुलिस अधीक्षक को शिकायत पत्र लिख सकते हैं। शिकायत पत्र में संपति विवरण, अपने बारे में, अवैध कब्जा धारक की पूरी जानकारी स्पष्ट लिखना चाहिए। शिकायत पत्र के आधार पर पुलिस अधीक्षक द्वारा कार्रवाई की जाएगी।
निजी जमीन को अवैध कब्जा से कैसे बचाएं?
अगर आप भी चाहते हैं कि आपके संपत्ति या भूभाग पर अवैध कब्जा न किया जाये, तो नीचे कुछ तरीके बताए गए हैं उसका पालन जरूर करें।
संपत्ति की देखरेख करते रहें
हमेशा देखा गया है कि जब भी कोई प्रापर्टी जो कि खास लोकेशन पर है, उसे मालिक द्वारा ऐसे ही अनदेखा कर दिया जाता है। तो बहुत ही जल्द भूमाफिया, अपराधी उसे अपने कब्जे में लेने की कोशिश करने लगते हैं। इसलिए खास जगह पर जमीन होने पर एक केयरटेकर जरूर रखें, अगर नहीं रखा है। तो समय समय पर संपति का दौरा करते हैं, संपत्ति का समय समय पर दौरा करना, देखरेख करने से निजी संपत्ति पर अवैध कब्जा का चांस कम हो जाता है।
रेंट एग्रीमेंट करना जरूरी
कई बार मकान मालिक रजिस्ट्रेशन की झंझट से बचने के लिए रेंट एग्रीमेंट की कापी नोटरी से बनवा लेते हैं। या कई बार मकान मालिक बिना एग्रीमेंट किए जमीन किराएदार को दे देता है। कोई एग्रीमेंट न होने के कारण किराएदार अपने बातो से मुकर जाता है और संपत्ति पर अवैध कब्जा करने लगता है।
चूंकि कोर्ट भी रजिस्टर रेंट एग्रीमेंट को वैध मानता है, जो न होने के कारण मकान मालिक को अपने ही जमीन पर कब्जा पाने के लिए इधर उधर भागना पड़ता है। इसलिए मकान मालिक को चाहिए कि मकान किराए पर देने से पहले रेंट एग्रीमेंट अवश्य बनवा लें तथा उसका रजिस्ट्रेशन करवा लें।
चारदीवारी का निमार्ण करना
अपने निजी जमीन पर अवैध कब्जा रोकने के लिए संपत्ति के चारों तरफ चारदीवारी का निर्माण करना भी सही विकल्प है। जब भी कोई जमीन या प्लांट खरीदे तो सबसे पहले उसके चारों ओर चारदीवारी का निमार्ण कर देना चाहिए। चारदीवारी का निर्माण करने का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि लंबी-लंबी दिवार खड़ा करना, यानि चारों तरफ 2-3 फुट दिवार खड़ा कर देना है। ताकि आप की संपत्ति चिंहित हो जाएं, फिर उसके बगल मे कोई भी जमीन खरीदने वाला व्यक्ति आपके संपत्ति पर कब्जा न कर सके।
किराएदार को अच्छी तरह परखना
मकान मालिक को चाहिए कि अपना मकान किराए पर देने से पहले किरायेदार को अच्छे से समझ लें। जैसे – वह करता क्या है, कहां का रहने वाला है, यहां पर क्यों आया है आदि। अगर आप ग़लत किराएदार को मकान दे देते हैं तो वह समय पर किराया नहीं देगा, बिना किराया दिए मकान छोड़कर चला जाएगा। इसके अलावा आपके संपत्ति पर अवैध कब्जा कर सकता है।
किराएदार बदलने की प्रक्रिया
मकान मालिकों को चाहिए कि कभी भी किसी एक ही किराएदार को लंबे समय के लिए मकान किराए पर न दें। नहीं तो निजी जमीन पर अवैध कब्जा होने की संभावना बढ़ जाती है। यही वजह है कि आज के समय में ज्यादातर 11 महिने का एग्रीमेंट किया जाता है। समय-समय पर किराएदार बदलते रहने से निजी जमीन पर कब्जा होने की संभावना कम हो जाती है।
रेंटल घर में खुद का स्थान रखें?
मकान मालिक को चाहिए कि अगर वह अपना मकान किराए पर दे रहा है, तो वहां पर कुछ स्पेस अपने लिए बनाकर रखना चाहिए। ताकि वहां पर रहकर अपनी जमीन और किराएदार पर नजर रख सके। ऐसा करने से आपकी जमीन सुरक्षित पड़ी रहती है, तथा किराएदार द्वारा उस पर कब्जा नहीं किया जाता।
लेकिन ऐसा करते समय मकान मालिक को इस बात का ध्यान रखना चाहिए, कि किराएदार के पर्सनल लाइफ में दखलअंदाजी ना हो सके। किराएदार को किसी प्रकार का असमंजस महसूस नहीं होना चाहिए।
FAQs
निजी जमीन पर कब्जा करने की धारा क्या है?
भारतीय दंड संहिता आईपीसी धारा 441 के अंतर्गत अगर कोई व्यक्ति किसी के जमीन पर गलत तरीके से कब्जा कर लेता है, तो उस पर क्षेत्र 447 के तहत जुर्माना लगाया जा सकता है।
जमीन का एग्रीमेंट कितने साल का होता है?
जमीन का इकरार नामा 3 साल का होता है, जिसमें जमीन बेचने वाले तथा जमीन खरीदने वाले के बीच एक समझौता होता हैं। जिसमें जमीन खरीदने और बेचने से संबंधित सभी लिखित जानकारी होती हैं।
अगर किसी ने मेरी जमीन पर कब्जा कर लिया है तो क्या करें?
आपके जमीन पर जबरन कब्जा करने वाले व्यक्ति के खिलाफ नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत कर सकते है। इसके अलावा अतिक्रमण और अवैध निर्माण के लिए अदालत में मुकदमा दायर कर सकते हैं। इसके अलावा जमीन से अवैध कब्जा हटाने के लिए सरकारी अधिकारी का मदद ले सकते हैं।
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