Court Marriage Kaise Kare : जहां पहले के लोग माता-पिता के रजामंदी से अरेंज मैरिज करते थें, वहीं पर अब लोग कोर्ट मैरिज शादी करना पसंद करते हैं। कुछ युवा माता-पिता के रजामंदी से अपने मनपसंद जीवनसाथी के साथ कोर्ट मैरिज करते हैं। तो वहीं पर कुछ युवा माता-पिता समाज के खिलाफ जाकर अपने मनपसंद व्यक्ति से शादी करते हैं। खैर जो भी हो आज के आर्टिकल में मैं आपको बताने वाला हूं कि कोर्ट मैरिज कैसे करें?
लोगों के मन में कई सवाल होते हैं जैसे – आनलाइन कोर्ट मैरिज कैसे करें, कोर्ट मैरिज डाक्यूमेंट्स क्या लगेगा, कोर्ट मैरिज रूल्स, कोर्ट मैरिज के फायदे, कोर्ट मैरिज में खर्च, कोर्ट मैरिज के बाद समस्या आदि जानकारी बताने वाला हूं।
कोर्ट मैरिज क्या होता हैं?
भारत में आमतौर पर विवाह परंपरागत के अनुसार होता हैं। जिसमें दोनों पक्षों के परिवार, लड़का और लड़की, समाज, रिश्तेदार आदि लोगों की सहमति से होता हैं। जबकि कोर्ट मैरिज बिना किसी परंपरा के सीधे कोर्ट में किया जाता है। कोर्ट मैरिज में लड़का और लड़की का राजी होना जरूरी है, माता-पिता, समाज, रिश्तेदार राजी हो या न हो।
इसके अलावा कोर्ट मैरिज में धर्म संप्रदाय को नहीं देखा जाता है, बस शादी के लड़का और लड़की राजी होना चाहिए। लड़के की आयु 21 वर्ष तथा लड़की की आयु 18 साल से ऊपर होना चाहिए। आज के समय में ज्यादातर युवा युवतियां प्यार करके कोर्ट मैरिज कर रहें हैं। हालांकि कोर्ट मैरिज करना गलत नहीं है, बस इसके बारे में पहले पूरी जानकारी अच्छे से पढ़कर समझ लें, तब शादी करें।
क्योंकि दोस्तों शादी विवाह बार बार नहीं होता, बहुत सोच समझ कर अपने जीवनसाथी का चुनाव करें। हमेशा इस बात को ध्यान रखें – अगर गलत इंसान से शादी हो गई, तो जिंदगी जीते जी नर्क बन जाता है। इसलिए अरेंज मैरिज या कोर्ट मैरिज करना गलत नहीं है, बस सही इंसान मिलना चाहिए।
कोर्ट मैरिज डाक्यूमेंट्स क्या लगेगा?
अगर आप भी किसी लड़का या लड़की से कोर्ट मैरिज करना चाहते हैं। तो इसके लिए निम्न दस्तावेज तैयार रखें।
- आवेदन पत्र
- 10वीं/12वीं की मार्कशीट
- लड़का का 4 पासपोर्ट साइज फोटो
- लड़की का 4 पासपोर्ट साइज फोटो
- लड़के का जन्म प्रमाण पत्र
- लड़की का जन्म प्रमाण पत्र
- गवाहों का शपथ पत्र
- गवाहों का पैन कार्ड
- कोर्ट मैरिज फीस (हर राज्य में अलग-अलग हैं)
- तलाकशुदा होने पर (तलाक के पेपर)
- पति/पत्नी की मृत्यु होने पर (उसका मृत्यु प्रमाण पत्र)
कोर्ट मैरिज के लिए जरूरी शर्तें
हर कोई कोर्ट मैरिज नहीं कर सकता है, सरकार द्वारा इसके लिए कुछ नियम और शर्तें निर्धारित किया गया है। जो कि इस प्रकार से है-
- मानसिक स्थिति : अगर लड़का और लड़की कोर्ट मैरिज शादी करना चाहते हैं, तो उनकी मानसिक स्थिति की जांच की जाती है। अगर दोनों मानसिक रूप से स्वास्थ्य है, तभी शादी करने की अनुमति मिलेगा।
- उम्र : अगर आप कानूनी विवाह या कोर्ट मैरिज करना चाहते हैं, तो इसके लिए लड़के की आयु 21 वर्ष से अधिक तथा लड़की की आयु 18 वर्ष से अधिक होना चाहिए।
- लीगली रेडी : कोर्ट मैरिज करते समय यह भी देखा जाता है कि लड़का/लड़की बूआ, बहन, मौसी, भाई, चचेरा भाई आदि रिश्ते में न आते हों। ध्यान रहे यह केवल हिंदु कम्यूनिटी के लिए लागू होता हैं।
- पूर्व में कोई विवाह न हुआ हो : इसमें यह सुनिश्चित किया जाता है, कि लड़का या लड़की का पहले शादी न हुआ हो, या अगर शादी हुई थी तो पति/पत्नी जिंदा न हों। तभी कोर्ट मैरिज हो सकती है।
Court Marriage Kaise Kare.
दोस्तों बहुत से लोग गूगल पर सर्च करते रहते हैं कि 1 दिन में कोर्ट मैरिज कैसे करें? लेकिन दोस्तों आप को बता दें कि कोर्ट मैरिज करते समय कुछ 6 चरणों से गुजरना पड़ता है। तब कही जाकर लीगल तरीके से कोर्ट मैरिज होता है और उसका सर्टिफिकेट मिलता है।
पहला चरण : विवाह अधिकारी को सूचना देना
- अगर आप कोर्ट में विवाह करना चाहते हैं, तो सबसे पहले दोनों पक्षो को लिखित सूचना जिला के विवाह अधिकारी को देना पड़ता है।
- विवाह की सूचना देते समय इस बात का ध्यान रखें कि लड़का या लड़की में से कोई भी उस जिला में सूचना देने की तारीख से एक महिना पहले तक निवास किया हो।
- उदाहरण : जैसे अगर आप यूपी के रहने वाले हैं और दिल्ली में शादी करना चाहते हैं। तो लड़का या लड़की में से कोई भी पहले दिल्ली जाकर 1 महिना रहे उसके बाद कोर्ट में शादी हेतु अर्जी लगा सकता है।
- कोर्ट मैरिज की सूचना के साथ आयु प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र आदि दस्तावेज की फोटोकॉपी अवश्य संलग्न करें।
दूसरा चरण : सूचना प्रकाशित करना
जिले के विवाह अधिकारी के पास कोर्ट मैरिज की सूचना देने के बाद उसे प्रकाशित किया जाता है। सूचना को प्रकाशित करने के लिए उसकी एक फोटो कॉपी कार्यालय के सूचना पट पर तथा एक फोटोकॉपी जिला कार्यालय के जहां विवाह पक्ष स्थाई रूप से निवास करता है वहां पर लगाई जाती हैं।
तीसरा चरण : आपत्ति दर्ज करना
- सूचना प्रकाशित करने के बाद अगर किसी व्यक्ति को इन दोनों पक्षों के विवाह से आपत्ति है, वह कार्यालय में जाकर आपत्ति दर्ज कर सकता है।
- अपत्ति दर्ज होने पर अगर कोई आधार पाया जाता है तो उसकी जांच की जाएगी।
- विवाह अधिकारी के समक्ष आप आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।
- आपत्ति दर्ज होने के बाद विवाह अधिकारी को 30 दिन के अंदर-अंदर जांच पड़ताल करना जरूरी होता है।
- अगर आपत्ति सही पाया जाता है, तो लड़का और लड़की का कोर्ट मैरिज नहीं हो सकता है। अपत्ति झूठ पाये जाने पर चौथा चरण शुरू होता हैं।
चौथा चरण : घोषणा पर हस्ताक्षर करना
कोर्ट मैरिज करने के लिए घोषणा पत्र पर दोनों पक्ष (लड़का और लड़की), तीन गवाह तथा विवाह अधिकारी का हस्ताक्षर होता है।
पांचवां चरण : विवाह स्थान का चुनाव
लड़का और लड़की का कोर्ट मैरिज करने के लिए विवाह अधिकारी का कार्यालय या उससे कुछ दूरी पर कोई जगह या मंदिर का चुनाव किया जाता है। और वहीं पर लड़का और लड़की की शादी करवा दी जाती है। इसके अलावा वर और वधु का फार्म स्वीकार किया जाता है। इस फार्म में उनका सपथ पत्र होता हैं।
छठवां चरण : कोर्ट मैरिज सर्टिफिकेट देना
लड़का और लड़की की कोर्ट मैरिज के तहत शादी हो जाने के बाद मैरिज सर्टिफिकेट पत्र पुस्तिका में एक प्रमाण पत्र दर्ज किया जाता है। इसमें दोनों पक्ष और तीन गवाह का हस्ताक्षर किया जाता है। इसके एक सप्ताह बाद लड़का और लड़की को विवाह प्रमाणपत्र सौंप दिया जाता है।
घर बैठे कोर्ट मैरिज कैसे करें?
दोस्तों अभी तक घर बैठे कोर्ट मैरिज करने का प्रावधान शुरू नहीं हुआ है, और मेरे ख्याल से न होगा। क्योंकि इसमें कुछ छ: चरणों से होकर गुजरना पड़ता है। तब कहीं जाकर कानूनी रूप से एक जोड़े का कोर्ट मैरिज विवाह हो पाता है।
कोर्ट मैरिज के बाद पुलिस सुरक्षा
दोस्तों कई बार कोर्ट मैरिज शादी करने के बाद हमारे रिश्तेदार, समाज आदि हमारे खिलाफ हो जाते हैं। और हमें परेशान करते हैं ऐसे में आप पुलिस प्रोटेक्शन ले सकते हैं। अलग-अलग स्तर पर पुलिस सुरक्षा ले सकते हैं।
- हाई कोर्ट प्रोटेक्शन : अगर कपल को कोर्ट मैरिज शादी करने के बाद जान से मारने की धमकी मिल रही है। तो कपल अपनी सुरक्षा के लिए हाई कोर्ट जाकर पुलिस प्रोटेक्शन की मांग कर सकता है। इसके लिए विवाह प्रमाण पत्र तथा अन्य डाक्यूमेंट्स कोर्ट को दिखाना पड़ेगा।
- एसपी आफिस से प्रोटेक्शन : अगर कपल हाई कोर्ट जाने में असमर्थ है, तो वह अपने जिला में एसपी आफिस जाकर पुलिस प्रोटेक्शन की मांग कर सकता है।
- इंटिमेशन लेटर : अगर कपल चाहे तो एसपी ऑफिस के साथ-साथ अपने नजदीकी लोकल थाने में इंटीमेशन लेटर भिजवा सकता है। जिसका मतलब होता है कि कपल ने कानूनी तौर पर अपनी मर्जी से एक दूसरे से शादी की है। अगर लड़की के घर वाले किडनैपिंग या रेप का आरोप लड़की पर लगती है, तो इंटीमेशन लेटर लड़के और उसके परिवार को प्रोटेक्ट करता है।
पुलिस सुरक्षा पाने के लिए डॉक्यूमेंट
कोर्ट मैरिज शादी हो जाने के बाद अगर कपल किसी कारण बस पुलिस प्रोटेक्शन पाना चाहते हैं, तो इसके लिए निम्न डॉक्यूमेंट जरूरी है।
- आयु प्रमाण पत्र
- एड्रेस प्रूफ
- कोर्ट मैरिज सर्टिफिकेट
कोर्ट मैरिज के फायदे
- यह शादी कानूनी रूप से लीगल है, जिसका एक दस्तावेज भी बनता है।
- कोर्ट मैरिज रजिस्ट्रेशन के बाद ही आप स्पाउस वीजा बनवा सकते हैं।
- इस शादी में दोनों पक्षों को अपने मनमुताबिक प्यार मिलता है, जीवनसाथी मिलता है। यानि जीवन खुशहाल बीतता है।
- इस शादी में ज्यादा खर्चा नहीं लगता है, बस स्टाम्प ड्यूटी तथा वकील की फीस देनी होती है।
- अन्य शादी की तरह इसमें शोर-शराबा तथा दिखावा नहीं होता है। सरल तरीके से शादी हो जाती है।
- यह शादी कोई रीति-रिवाज या परम्पराओं के अनुसार नहीं होता है।
- इस शादी में दोनों पक्षों को समानता का अधिकार मिलता है। दोनों का बराबर अधिकार होता है। जबकि समाजिक शादी में लड़की को कमजोर, मजबूर समझा जाता है। पति अपना रौब दिखाता है।
- कोर्ट मैरिज शादी में अगर किसी पार्टनर की मौत हो जाती है, तो बीमा राशि, नौकरी, पीएफ का पैसा आसानी से मिल जाता है।
- इस शादी से संविधान को समझने और उस पर चलने का सरल तरीका है।
- कोर्ट मैरिज शादी बहुत ही कम समय में हो जाती है और बहुत ही कम खर्चे में होती हैं।
कोर्ट मैरिज में खर्च
जहां पर सामाजिक शादियों में लाखों रुपए खर्च हो जाते हैं, वहीं पर कोर्ट मैरिज शादी महज कुछ हजार रुपए में हो जाती है। सभी राज्यों द्वारा अपने-अपने राज्य में कोर्ट मैरिज फीस अलग-अलग निर्धारित किया गया है। कोर्ट मैरिज शादी करने में कोर्ट फीस, विवाह की सूचना के लिए शुल्क, शपथ पत्र शुल्क, मैरिज सर्टिफिकेट की कॉपी लेने के लिए शुल्क, वकील की फीस आदि खर्चे लगते हैं। जो कि कुछ हजार रूपए में पूरा हो जाता है।
कोर्ट मैरिज के बाद समस्याएं
ज्यादातर देखा गया है कोर्ट मैरिज शादी में लड़का लड़की समाज, रिश्तेदार, माता-पिता को नजरअंदाज करते हुए अपने मनपसंद इंसान से शादी कर लेते हैं। यही कारण है कोर्ट मैरिज शादी होने के बाद कपल को निम्नलिखित समस्याओं से गुजरना पड़ता है।
पारिवारिक विरोध : जहां पर परिवार के सदस्यों की इच्छा होती है, वे अपने मनपसंद से अपने बेटा या बेटी की शादी करेंगे। मगर बच्चों के अपने पसंद से कोर्ट मैरिज करने पर खफा हो जाते हैं। परिवार द्वारा उनका विरोध शुरू हो जाता है। जैसे – घर में रहने न देना, घर मे हिस्सा न देना, हमेशा ताने सुनाना, लड़की को बहू का सम्मान न देना, जान से मारने की धमकी देना आदि प्रकार से पारिवारिक विरोध होता है।
सामाजिक मान्यता : कोर्ट मैरिज शादी करने के बाद ज्यादातर कपल को सामाजिक मान्यता नहीं मिलती है। समाज के लोग कोर्ट मैरिज शादी को अलग नजर से देखते हैं और उसे सामाजिक कलंक समझते हैं। परिवार के अलावा समाज के लोग भी कपल से दूरी बना लेते हैं और उन्हें समाजिक कार्यों में नहीं बुलाते हैं।
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